Monday, November 25, 2013

सिर्फ तू चाहिए





ज़िन्दगी के हर पल में, मुझे तेरा साथ चाहिए

मेरे शब्दों को तेरा समर्थन चाहिए

हर एक सपने में तेरी तस्वीर चाहिए

गिरते हुए अंशु को तेरा किनारा चाहिए

हर एक कविता को तेरी प्रेरणा चाहिए

हर एक गीत को तेरा सुर चहिये

मेरे हर साँस में तेरे खुशबू चाहिए

मुझे सिर्फ तू और तू चाहिए............

इन लबों को तेरे लबों का एहसाह चाहिए

इस तन को तेरे हाथों का स्पर्श चाहिए

सूरज की पहली किरण,बारिस की पहली बूंद मैं तेरा साथ चाहिए

जाड़ों की ठंडी हवाओ मैं तेरे हाथों हर चाहिए


मुझे सिर्फ तू चाहिए सिर्फ तू चाहिए

Monday, November 18, 2013

तुम मेरी चाहत हो


तुम्हे क्या बताया मैंने
की तुम मेरी चाहत हो
ये आज की बात नहीं
तुम ही मेरी हसरत हो


तुम्हे सोचना अलग सा क्यों है
ये अँधेरे में उजले जैसे है
दुनिया की सचाई में
सपने जैसा है


हो तुम मेरी जिंदगी की किताब
का सुनेहरा सा हिस्सा
हो न खत्म ऐसा किस्सा

खोई राहों की मंजिल
मेरे प्यार का साहिल
तुम ही तुम हो मेरी चाहत
अनमोल निशनी की तरह




Sunday, November 10, 2013

कास के फूल











बर्ष गुजरी सर्द ऋतू आई
कास के फूल हर ओर खिल आई
सुन्द-सुन्दर सफ़ेद न्यारे
खड़े राह के किनारे-किनारे

हवा संग अटखेली करते
धरा संग होली खेले
बदलो से कुछ इतराते
कास के फूल बड़े सुहाते
संगी साथी संग खड़े वो
सबसे अलग रंग रंगे जो
हरयाली के बीचो-बीच
बिछे राहों में

मन को करते पुलकित
हर्ष उल्लास से भरे मुझे
है जो सफ़ेद रंग से सुशोजित
कास के फूल


Friday, November 8, 2013

Market yourself


प्रचार की महानता


प्रचार शब्द से हम सब  बहुत अच्छे से परिचित है जाना पहचाना सा शब्द है,हम रोज़ इससे रूबरू होते है,कभी किसी उत्पाद का प्रचार देखने को मिलता है ,कुछ लोग अपना ही प्रचार करते फिरते है कोई कभी अपनी पार्टी का प्रचार करता है कुल मिला कर प्रचार हमारी दुनिया का बहुत ज़रूरी अंग बन गया है,अगर हम प्रचार का सहारा ना ले तो नौकरी नहीं मिलेगी अपना प्रचार करके अपनी काबिलीयत जो साबित करनी पड़ती है. चलिए असली कहानी पर आते आते है  ये वाक्य है

मेरे गाँव का सड़क से जुड़ा गाँव, सड़क से जुड़े होने पर इसलिए जोर दिया मैंने क्यूंकि गाँव तक पहुचने में कोई भी कठिनाई नहीं होती है  इसलिए नेता,मेला बाज़ार और प्रचार करने वाले लोगो को एक आसान सा चारा मिल जाता है अपना प्रचार-प्रसार करने के लिये, एक दिन दो सजी-सावरी लडकियाँ हमारे गाँव में टूथपेस्ट का प्रचार करने के लिए आई वो घर-घर जा कर लोगो से पूछती की आप कौन सा टूथपेस्ट इस्तमाल करते है अगर जवाब देने वाला कहता की वो वाइट पेस्ट ये एक काल्पनिक नाम है टूथपेस्ट ब्रांड का, तो वो लडकियाँ उन्हें एक फॅमिली पैक वाइट पेस्ट का मुफ्त दे देती.प्रचार करने का अजीब तरीका है अगर समाने वाला आपकी ब्रांड को पहले से इस्तमाल कर रहा है तो उसी को टूथपेस्ट दे कर क्या फयदा चलिए हम को क्या कंपनी समझे प्रचार के दौरान दोनों लडकियाँ कमला के घर पहुची अपना परिचय देते हुए उससे पूछा की वो कौन सा पेस्ट इस्तमाल करती है कमला ने जवाब दिया लाल मंजन और उनको मिफ्त में टूथपेस्ट नहीं मिला,कमला भीतर-भीतर उदास और गुस्सा हुई और कसम खा ली की मुफ्त में मिल रहे टूथपेस्ट को  कैसे ना कैसे करके लेना ही है और दस पड़ोसियों को भी दिलाना है


अरे मुफ्त के समान पर को सबका हक़ होता है वो तो सब की चीज़ होती है और ये तो हमारे खून में है की मुफ्त में ज़हर भी मिले तो खाले दूसरें दिन भी दोनों लडकियाँ प्रचार के काम में लगी थी कमला अपने पडोसी के घर में पहले से ही जा कर बैठी गई की इस बार सही जवाब दे कर टूथपेस्ट ज़रूर लूंगी दोनों लडकियाँ ने घर का दरवज़ा बजाय कमला की सहेली ने दरवज़ा खोला और उनके सवाल का सही ज़बाब दिया क्यूंकि अब गाँव के हर व्यक्ति के जुबान पर वाइट टूथपेस्ट का ही नाम था मुफ्त में मिल रही समान का नाम भगवान की तरह ही सर्व व्यापी होती है कमला भी घूँघट में चेहर छुपाये नाम बदल कर टूथपेस्ट पा लेती है और अपनी चतुरता पर मुस्कुराती है.


प्रचार के कई तरीके है और इसका महत्व भी बहुत होगया है अब राजनैतिक पार्टी का प्रचार की जान कल्याण प्रचार से अधिक भव्य और कलाकारों से सज़ा होता है,बड़े लोगो उल्टा-सीधा बोलकर फेमस हो जाते है,कोई किसी को जूता मर कर फेमस हो जाता है,कोई साठ साल से चल रहे विकास के काम जैसे सडक बना,पुल बनाना और शासन व्यवस्था को चलानो को ही अपनी उपलब्धि बता कर अपना प्रचार कर राह है खर प्रचार कोई भी करे हम  जनता बस हाथ और मुह खोल कर लेने के लिए बैठे रहते है बस पता चले की सब मुफ्त में है,पर एक बात  किसी ने सही कहा है की हर चीज़ की अपनी कीमत होती है मुफ्त की चीजो की भी होती है ..

Sunday, November 3, 2013

रोशनी के दीप

दिवाली के पावन दिवस परिवार, दोस्तों के संग
चलो रोशनी के दीप जलाते है,
कुछ कोने जो कही खली है
चलो उसे रोशन कर आते है

कही कोई रूठा हो तो
जला फुलझड़ी उसे मना ले
रोशन हो हर रिश्ता,
एक दीपक किसी अनजान के नाम जला ले

इस दिवाली हर कोई है
पूछ रहा है सवाल,की
इस दिवाली किसे खुश करेगे आप?

चलो रोशनी के दीप जलाते है,
कुछ कोने जो कही खली है
चलो उसे रोशन कर आते है 

अपनी खुशियां को पहचानो -दीपक कुमार

 चेतन मन की जागृति स्वयं को जानने का मार्ग आपको यह मानो वैज्ञानिक तथ्य जानकर यह हैरानी होगी की हमारा जो दिमाग है, इसे बदलाव पसंद नही है, थोड...