उसने बड़ी मेहनत से
शिद्दत से एक एक बूंद इकट्ठा कर
पेड़ को सींचा बरसो।
बिना यह समझे
जिस पेड़ के जड़ खोखले हो
वह कभी हरा नहीं हो सकते ।
गर लाख कोशिश भी कर ले तू
अपने दिल को बिछा सकते हो कदमों पर पिया के
तुम खुद को भी तबाह कर लो तो क्या?
राख और ख़ाक हो जाओ।
तुम्हें पता होना चाहिए जो न हो तुम्हारा है
वह कभी तुम्हारे हो ना पाएंगे।
अपने दिल के सारे प्यार को
समेट करें हदों को भूल कर
उसने उससे बेहद प्रेम किया।
शायद उसे यह पता ना था कि
पत्थर पर कितना भी पानी डालो
वह कभी नरम नहीं हो सकता।
तड़प और दर्द तो लाज़मी है
जब आप अपनी सारी बेचैनियाँ समेट कर
हद को लांग कर उससे प्यार करे
और वह पहले से ही किसी और का हो।
कुछ दर्द तो होगा पर हमेशा नहीं रहेगा
याद रखो तुम्हारे भीतर का प्यार
किसी के प्रति समर्पण वह अब भी तुम्हारे पास है
वह भी तुम्हें खोज रहा है
जिसे तुम्हारे प्यार की तलाश है।
मुस्कुराओ और फिर से निकल जाओ
अपनी तलाश में।
रिंकी