याद करो, वह साल का समय,
जब भविष्य दिखाई देता है
एक खाली कागज़ की तरह,
एक साफ़ कैलेंडर, एक नया मौका।
गहरी सफेद बर्फ पर,
तुम वादा करते हो नए कदमों का,
फिर देखते हो उन्हें उड़ते हुए
तेज हवा के जोशीले झोंकों के साथ।
तो भर लो गिलास, जश्न मनाओ,
खुशियों की झिलमिल रोशनी फैलाओ।
नए साल में लिखो नई कहानी,
सपनों को दे दो पंखों की जवानी।
खुशियों का तो तुम
ReplyDeleteभर लो गिलास
मनाकर जश्न ..
और चलो चलें
नई कविता की ओर
नव-वर्ष शुभ हो
Thank you Sir
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