हुए कई साल देखे
बिना तुझे
मेरा इंतजार अब भी
नया और
उदासी से बहुत दूर
है
मिलने के उम्मीद को
समेटे
रोज़ शाम और रात को
ताक रहा
दूरियां है तो क्या
हुआ
हम दोनों के बीच सब
ठीक है
बातो का सिलसिला
नहीं है तो क्या
शब्द ने एक दूसरे को
छुया नहीं
तो क्या
हम एक दूसरे से
शिकायत
बिना बोले ही करते
रहते है
अल्फाजों में हम
बंधे नहीं तो क्या हुआ
हम दोनों के बीच सब
ठीक है