Thursday, June 21, 2018

तू जो कहे


तू उस आंसू की तरह
आँख में ही सुख जाए
वो गीत
मन जो गाता जाए
बात कुछ ऐसी
जो कही न जाए

वो फरियाद
जिससे जुडी मेरी आस
एक ऐसा राज
जो दफ़न हो मेरे साथ

तू जो कहे
ओढ़ लु तेरा ही रंग
तेरे नाम को पढू
आयत बना के
तुझे ही सिमरु
माला बना के

तू उस आंसू की तरह
आँख में ठहर जाए
सपनों की तरह
तू उस दुआ की तरह
जो कबूल हो जाए
किसी भी तरह

रिंकी

असली परछाई

 जो मैं आज हूँ, पहले से कहीं बेहतर हूँ। कठिन और कठोर सा लगता हूँ, पर ये सफर आसान न था। पत्थर सी आँखें मेरी, थमा सा चेहरा, वक़्त की धूल ने इस...