Thursday, November 25, 2021

दिन कुछ ऐसे गुजारता है कोई - गुलजार

 दिन कुछ ऐसे गुजारता है कोई

जैसे एहसान उतारता है कोई

आईना देख के तसल्ली हुई
हम को इस घर में जानता है कोई

पक गया है शजर पे फल शायद
फिर से पत्थर उछालता है कोई

फिर नजर में लहू के छींटे हैं
तुम को शायद मुघालता है कोई

देर से गूँजतें हैं सन्नाटे
जैसे हम को पुकारता है कोई ।

बाबा नीम करोरी महाराज

  बाबा नीम करोरी महाराज एक महान साधु और हनुमान भक्त थे , जिन्होंने भारत के विभिन्न हिस्सों में अपनी आस्था और सेवा के मा...