Sunday, March 24, 2013

एक थका दिन

मन थका ,तन थका
सुबह का पलछिन थका
चिडियों की चहचहाहट भी आती मध्यम सी
हवा की ठंडक कुछ गरम
चुपचाप शांत बैठा मेरा मन है
आंखे ठहरी एक जगह विचार भी दुमिल हुए
मदहोशी मैं सपनो के ताने-बने
 मैं खोई
कभी पिया की बातो मैं खोई
भीड़ मैं शांत मेरे मन
खूबसूरती मैं झूलता थका मन
थका मन...

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