Everyone does have a book in them. Here is few pages of my life, read it through by my stories,poetry and articles.
Saturday, September 20, 2014
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कुंभ मेले की पौराणिक कथा
कुंभ मेले की पौराणिक कथा कुंभ मेले की उत्पत्ति की कहानी समुद्र मंथन से जुड़ी हुई है, जो देवताओं और असुरों के बीच हुए एक पौराणिक संघर्ष का ...
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तू खुद की खोज में निकल तू किस लिए हताश है, तू चल तेरे वजूद की समय को भी तलाश है जो तुझ से लिपटी बेड़ियाँ समझ न इनको वस्त्र तू ये बेड़ियां प...
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मेरे सपनो को जानने का हक रे क्यों सदियों से टूट रही है इनको सजने का नाम नहीं मेरे हाथों को जानने का हक रे क्यों बरसों से खली पड़ी हैं इन्हें...
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तूने खूब रचा भगवान् खिलौना माटी का इसे कोई ना सका पहचान खिलौना माटी का वाह रे तेरा इंसान विधाता इसका भेद समझ में ना आता धरती से है इसका ना...
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शनिवार 31 जुलाई 2021 शाम 5.00 बजे साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteकभी न कभी प्रत्येक रचनाकार ऐसा सोचता है | यही सृजन की अकुलाहट है | बहुत सुंदर |
ReplyDeleteऐसी चाहत सबकी होती है। भावपूर्ण उद्गार!!
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