॥ कहानी॥
पुराने समय में निकाबार द्वीप पूरी तरह घने जंगल से घिरा था ।
आदमी नाम की कोई चीज वहाँ नहीं थी ।
कहा जाता है कि पूरब दिशा के किसी देश की एक राजकुमारी अपने एक दास से प्यार करती थी । उस दास से राजकुमारी को गर्भ ठहर गया ।
यह खबर जब राजा के कानों में पड़ी तो वह विचलित हो उठा ।
उसके क्रोध का ठिकाना न रहा । उसने उस दास को मृत्युदंड सुनाकर मर॒वा दिया । गर्भवती होने के कारण राजकुमारी को उसने मृत्युदंड तो नहीं दिया परन्तु एक बड़े बक्से में उसे जीवित बन्द करके समुद्र में फिकवा दिया। वह बक्सा कई माह तक समुद्र की लहरों के थपेड़े खा- खाकर पानी में भटकता रहा ।
सौभाग्य से एक सुबह, अध्दमृत हो चुकी राजकुमारी वाला वह बड़ा बक्सा एक द्वीप के किनारे पर आ टिका। यह कोई और नहीं, कार-निकोबार द्वीप था। निश्चित समय पर राजकुमारी ने एक बेटे को जन्म दिया । बड़ा होकर वह एक सुन्दर और ताकतवर नौजवान बना । आज की निकोबारी जनजाति उस नौजवान की ही संतति है ।
॥ कहानी॥
पुराने समय में पानी का एक जहाज निकोबार द्वीप के पास से होकर गुजर रहा था ।
अचानक बड़ा भयानक समुद्री तूफान उठ आया । तूफानी लहरों ने उस जलयान को हल्के पत्ते की तरह किनारे की एक चट्टान पर दे मारा ।
जलयान चकनाचूर हो गया और डूब गया। उसमें सवार स्त्री-पुरुष पानी में इधर-उधर बिखर गए ।
उनमें से कुछ तैरकर और कुछ लहरों द्वारा फेंक दिए जाने के कारण किनारे पर आ लगे । द्वीप से बाहर जाने का कोई साधन उन बचे हुए लोगों के पास नहीं बचा था ।
उन्होंने अपने आप को भाग्य के हवाले कर दिया और पूरी तरह वहीं पर निवास करने लगे ।
कहा जाता है कि वर्तमान निकोबारी आदिम जनजाति के पूर्वज यही लोग थे।
सुंदर एवं रोचक लघु कहानियां।
ReplyDeleteShukriya, Sudha ji
ReplyDeleteबहुत सुन्दर पोस्ट ।
ReplyDeleteSHKARIYA, MEENA JI
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