अज़ान
के आखिर में एक दुआ हमेशा सुनाई देती है।
" या अल्लाह ! कोरोना के कहर से बचा अल्लाह, सब पर अपना करम बरसा अल्लाह
" नमाज़ अदा करने के
बाद मौलवी मोहल्ले की गालियो में
निकल जाता और बिना मास्क पहने हर किसी को मास्क पहनने को कहता। ये रोज़ की दिनचर्या है उसकी।
आज जुम्मा का दिन है बहुत से नमाज़ी इक्कठा हुए है। उनमे से बहुत से लोगो ने मास्क नहीं पहना था , मौलवी साहब ने ऐतराज़ जताया और सब को अपना मुँह और नाक ढकने को कहाँ। सब उनकी बात से राज़ी हुए नमाज़ अदा कर अपने घर चले गए।
एक
बच्चे ने कहा क्या सब अपनी बात सुनते है ? है,
बस
वही बात मानते है जो उनके फायदे की हो नहीं तो कोई किसी की नहीं सुनाता।
ऐसे
क्यों , क्यूंकि तुम बच्चे हो और दिल के सच्चे
हो।
आप
क्या मेरे साथ मेरे पुराने मोहल्ले में चलेगें वहां भी नमाज़ के बाद सबको समझाना। क्या
समझाना है, छोटू ?
सबसे
को बताना की आपस में लड़ना सही नहीं है , इससे घर जल जाते है ,स्कूल बंद हो जाता है और अपना घर छोड़ के गांव आना पड़ता है।
मैं जब दिल्ली में था तो स्कूल जाता था, घर में दोस्तों के साथ खेलता था सब ठीक था।
एक
दिन कुछ लोग गली में आये चिल्लाने लगे मारो गदारो को , सब जगह आग लगा दिया सब जल गया मेरा घर भी
पापा को भी मारा। सरदार अंकल ने सब को अपने घर पर रखा और बचाया। मेरे
दोस्त राहुल का भी दुकान तोड़ दिया। अगर आप नमाज़ के बाद सबको ये बात कहेंगे
की लड़ाई से सिर्फ नुकसान ही होता है तो मैं फिर दिल्ली अपने घर जा सकूँगा। बच्चे की
बात
सुन वो चुपचाप उसे देखता रहा, दोनों साथ-साथ एक दुकान पर रुके कुछ खरीदा और फिर चल पड़े।
उसने
पूछा ये ग़दर क्या होता है मोलवी दादा ?
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" सोमवार 28 सितम्बर 2020 को साझा की गयी है............ पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteयशोधा जी आपका बहुत धन्यवाद
Deleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" सोमवार 28 सितम्बर 2020 को साझा की गयी है............ पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteमज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
ReplyDeleteकाश सभी को समय पर याद रह जाता
शुक्रिया आपका
Deleteया अल्लाह कोरोना से बचा।
ReplyDeleteशुक्रिया आपका
Deleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" सोमवार 28 सितम्बर 2020 को साझा की गयी है............ पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteयशोधा जी आपका बहुत धन्यवाद
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