मैं तुझसे प्यार नहीं करता ।
हां मैं तुझसे प्यार नहीं करता ।।
पर कोई शाम नहीं ऐसी जिसमें
तेरा इन्तजार नहीं करता ।
हां मैं तुझसे .........
शहर में नहीं कोई मंजर जिससे
तेरा जिक्र बेसुमार नहीं करता।
हां मैं तुमसे प्यार नहीं करता ।।
मुश्किल है जीना तेरी यादों के साथ,
अब मैं अपने इश्क़ का इजहार नहीं करता।।
हां मैं तुझसे प्यार नहीं करता।।
लबों से बयां नहीं हुआ मुझसे ये अफशाना,
पर इस मीठे दर्द से दिल इनकार नहीं करता ।।
हां मैं तुझसे.......
जब भी खनक होगी मेरे अंगने में तेरी,
मेरी सांसो के सिवा कोई झंकार नहीं करता।।
हां मैं तुझसे प्यार नहीं करता।।
तेरी गैरमौजूदगी के गवाह होंगे अश्क़ मेरे,
पर अपनों में भी खुद को बेकरार नहीं करता।
हां सच में मैं तुझसे प्यार नहीं करता ।।
तेरे सिवा नहीं कोई जिन्दगी से अब हसरत,
दिल मेरा खुद से भी आंखें चार नहीं करता।
हां मैं तुझसे.....
हाँ हो गया एक दफा बस तुझसे
गुनाह ये मैं बार बार नहीं करता ।
हां मैं तुझसे प्यार नहीं करता ।।
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