Everyone does have a book in them. Here is few pages of my life, read it through by my stories,poetry and articles.
Sunday, September 24, 2017
Thursday, September 21, 2017
प्रेम में मिलावट
only you |
प्रेम शुद्ध
कांच सा निर्मल था
जब पेहली
बार
बचपन और यौवन के बीच
हुआ
धीरे-धीरे,जैसे-जैसे प्रेम को
समझने की कोशिश की
प्रेम में मिलावट
घुलता गया
प्रेम मिलावटी हो गया
दोस्तों ने अपने रंग
भरे
कवि,गायक और फिल्म का
रंग चढ़ता गया
प्रेम में मिलावट
घुलता गया
प्रेम मिलावटी हो गया
होश संभाला तो लगा
प्रेम फैशन जैसा है
सब के पास होने लाज़मी
था
तो मैंने भी
मोबाइल, कार और ज़ेवर
जैसा रख लिया
प्रेम में मिलावट
घुलता गया
प्रेम मिलावटी हो गया
ज़िन्दगी समझ में आई
जब
तब लगा प्रेम को शादी
कहते है
और मैंने भी प्रेम कर
लिया
प्रेम में मिलावट
घुलता गया
प्रेम मिलावटी हो गया
जब ज़िन्दगी कट रही थी
तब लगा इसे ही प्रेम
कहते है
जब दो इन्सान सिर्फ
साथ रहते है
ज़िन्दगी की दौड़ लगभग
खत्म होने को है
लगता है प्रेम को समझ पाना मुश्किल नहीं था
बस करना इतना था की
दुनिया की समझ से
अपने प्रेम को
बचाए रखना था
जिसे मैंने प्रेम
समझा
वो सिर्फ लोगो के
विचार थे
दुनिया ने जिसे प्रेम
माना वो प्रेम नहीं था
अगर होता तो वो
मुझे दायरे में रहा
कर प्रेम करने को नहीं कहते
किसी जात,धर्म और देश
से जोड़ कर प्रेम को नहीं देखते
बंधन को प्रेम नहीं
कहते
दुनिया अपनी स्वर्थ
को
प्रेम कहता रहा
और प्रेम मिलावटी
होता गया
प्रेम को भी बाज़ार
में
उम्र,जात,धर्म, औकाद
के हिसाब से
मिलावट कर बेचा गया
प्रेम में मिलावट घुलता गया
प्रेम मिलावटी हो गया
रिंकी
Sunday, September 10, 2017
लेखक को मारना तो बहाना है, कोशिश तो विचारो को मारने की जा रही है...
आज-कल बेवाक
लिखनेवाले डरे से नज़र आते है,उनके रिश्तेदार,चाहनेवाले उन्हें सलाह देते नहीं थकते
की सभाल कर लिखा करो, पर लेखक बेचारा दुखी सताया हुआ प्राणी लिखे तो “वो” मर देगे
न लिखे तो खुद मर जाए करे तो क्या करे? ऐसा नहीं है की इस देश में पहली बार किसी
की हत्या की गई है, हमारे पुराणों में भी लिखा है “ सवाल हत्या करते है” अब ये बात
किस संदर्भ में लिखी गई थी पता नहीं पर इसका प्रमाण तो है की अगर आप सवाल करेगे तो
मरेगेI
दुनिया में यह
पहली बार नहीं हो रहा है,की किसी विचारक की हत्या की गई हो अगर आपके विचार किसी की
कमाई का जरिया,जनता,ज़मीन और सत्ता को बदलने की ताकत रखता है तो आपक मरना तय है,
फिर कोई कानून,पुलिस आपको बचा नहीं सकतीI कुछ बुद्धिजीवियों को लगता है की सारा खेल किसी अमुक
धर्म के लोगो का है, शायद ऐसा ऊपर से देखने से लगता हो पर पूरा सच बहुत गहरे तह में छिपा हैI किसी
के विचार अगर किसी भी ऐसे वयवस्था को चुनोती देती है जिससे समाज में क्रांति आ जाए
उस विचार को मार दिया जाता हैI
दुनिया में
विचार को दबाने के लिए इशु की हत्या कि गई, जब बुद्ध धर्मं अपने चरम पर था तो
हत्या हुई, शैव और वैशनव भी लडे, आज -काल आतंकवाद के नाम पर विचारो की हत्या की जा रही हैI
लेखक का शारीर मरता है,उसके विचार हमेशा अमर है
मुझे उन मुर्ख
लोगो पर दया आती है जिन्हें लगता है, की किसी इन्सान को मार देने से सब ख़तम हो
जाता है तो उन्हें कोई समझाएI विचार ठीक वायरस की तरह है एक से दुसरे में नियंतर
बिना रुके किसी न किसी को प्रभावित करता रहता हैI तुम मरते रहो वो अपना रास्ता
दूंदता हुआ सही व्यक्ति के पास पहुँच जाएगाI लेखक समुदाय को भी चाहिए की वो भक्त
जैसा व्यवहार न करे ज्ञानी जैसे तर्क करे और सत्य को लिखेI
रिंकी
इस प्यार ने
तेरा क्या खोया, मेरे क्या गया?
इस प्यार ने जब सारी खुदाई ठग ली
जब किसी ने किस को प्यार से देखा
समझो प्यार ने उनसे उनकी ज़िन्दगी की
सारी कमाई ठग ली
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