Everyone does have a book in them. Here is few pages of my life, read it through by my stories,poetry and articles.
Tuesday, December 26, 2017
Wednesday, December 20, 2017
Thursday, December 14, 2017
आकर्षण का सिद्धांत
आकर्षण का सिद्धांत को समझा जा सकता
है कि, “जैसा चाहेंगे वैसे बन जायगे” हम अपने जीवन में सकारात्मक और नकारात्मक
दोनों प्रभावों को लाने के लिए जिम्मेदार हैं।
आकर्षण के सिद्धांत को “ अर्ल नाईटएंगल” ने बहुत पहले ही विस्तृत
और आसन तरीके से समझा दिया था।आपको बस अपने लिए मेहनत करना है। विडिओ
देखना बदलाव की पहली कड़ी है,
Sunday, December 10, 2017
सुहागरात
सुहागरात में
फूलो की सेज पर वो बैठी थी अचानक ही हँसने
लगी, वो जोर–जोर से हँस रही थीI आज से छ: महीने पहले की बात उसे याद आ गई, उसके
पिता और भाई दोनों उसे दुहाई दे रहे थेI ‘अगर तूने उस लड़के के साथ कोई भी रिश्ता
रखा तो सारे खानदान की इज्ज़त ख़राब हो जाएगीI उस पराए जात के लड़के का घर बसाएगी,
बच्चे पैदा करेगी तो हम अपनी जान दे देगे,
और आज का दिन
है, पिता और भाई ने एक लड़का ढूंढा है, दहेज़ भी दिया हैI
पिता ने अपनी
बेटी और भाई ने अपनी बहन को सजाकर सुहागरात मनाने, एक पराए आदमी के पास बिठा दिया
हैI
Rinki
Friday, December 1, 2017
मजबूरी
क्या चुने, क्या छोड़े
जिंदगी इसी
जद्दोजहद मेंगुजारी
रेत पर लम्बी परछाई बना
सागर में बुझ गया
मैं बस रेत के कण चुनता रहा
हमेशा मेरे ख्वाब और उसकी
मजबूरियां
एक दूसरे की तरफ पीठ किए
खड़े रहे
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असली परछाई
जो मैं आज हूँ, पहले से कहीं बेहतर हूँ। कठिन और कठोर सा लगता हूँ, पर ये सफर आसान न था। पत्थर सी आँखें मेरी, थमा सा चेहरा, वक़्त की धूल ने इस...
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तूने खूब रचा भगवान् खिलौना माटी का इसे कोई ना सका पहचान खिलौना माटी का वाह रे तेरा इंसान विधाता इसका भेद समझ में ना आता धरती से है इसका ना...
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तू खुद की खोज में निकल तू किस लिए हताश है, तू चल तेरे वजूद की समय को भी तलाश है जो तुझ से लिपटी बेड़ियाँ समझ न इनको वस्त्र तू ये बेड़ियां प...
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मेरे सपनो को जानने का हक रे क्यों सदियों से टूट रही है इनको सजने का नाम नहीं मेरे हाथों को जानने का हक रे क्यों बरसों से खली पड़ी हैं इन्हें...