सुहागरात में
फूलो की सेज पर वो बैठी थी अचानक ही हँसने
लगी, वो जोर–जोर से हँस रही थीI आज से छ: महीने पहले की बात उसे याद आ गई, उसके
पिता और भाई दोनों उसे दुहाई दे रहे थेI ‘अगर तूने उस लड़के के साथ कोई भी रिश्ता
रखा तो सारे खानदान की इज्ज़त ख़राब हो जाएगीI उस पराए जात के लड़के का घर बसाएगी,
बच्चे पैदा करेगी तो हम अपनी जान दे देगे,
और आज का दिन
है, पिता और भाई ने एक लड़का ढूंढा है, दहेज़ भी दिया हैI
पिता ने अपनी
बेटी और भाई ने अपनी बहन को सजाकर सुहागरात मनाने, एक पराए आदमी के पास बिठा दिया
हैI
Rinki
गहरे अर्थों वाली रचना।
ReplyDeleteThanks Vishwa Ji
ReplyDeleteगहन विचारणीय रचना |
ReplyDeleteThanks for the appreciation
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