Tuesday, August 7, 2018

भीतर झाँको


भीतर झाँको- राजेंद्र बहदुर सिंह ‘ रंजन’


सबसे बड़ा
प्रदुषण मन में
भीतर झाँको !

कब खुद  का
निर्मल अभ्यंतर
आज बताओ,

और तनिक
खुद को बढकर
पापी ले आओ,

निर्विकार हो
भीतर से पहले
हर साधक,

तभी बनेगा
सफल संत-कवि
औ आराधक,

श्रद्धपूर्वक
परमपुरुष को
मन में टांको !

No comments:

Post a Comment

Thanks for visiting My Blog. Do Share your view and idea.

असली परछाई

 जो मैं आज हूँ, पहले से कहीं बेहतर हूँ। कठिन और कठोर सा लगता हूँ, पर ये सफर आसान न था। पत्थर सी आँखें मेरी, थमा सा चेहरा, वक़्त की धूल ने इस...