Sunday, April 25, 2021

बेबसी

सोचा न था की दर्द इतना गहरा होगा।

हर इंसान शिकन के अँधेरे में सिहरा होगा।

 


दोस्तों को खोने के बाद अलविदा कहना

न नसीब होगा।

इंसान इस कदर इन्सानित से फ़ना होगा।


तबाही होगी ऐसी कभी सोचा न था

मौत का पहरा हर गली

मोहल्ला और घर पर होगा।

 

साँस को मोहताज़ होगी सांसे

देश में मातम पसरा होगा।

 

सोचा न था की दर्द इतना गहरा  होगा।

हर इंसान शिकन के अँधेरे में सिहरा होगा।


Rinki

5 comments:


  1. सोचा न था की दर्द इतना गहरा होगा।...बहुत ही बुरा वक्त है काश इस रात की कोई तो सुबह हो!

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  2. सोचा न था की दर्द इतना गहरा होगा...काश इस रात की कोई तो सुबह हो🙏

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