सोचा न था की दर्द
इतना गहरा होगा।
हर इंसान शिकन के
अँधेरे में सिहरा होगा।
दोस्तों को खोने के
बाद अलविदा कहना
न नसीब होगा।
इंसान इस कदर
इन्सानित से फ़ना होगा।
तबाही होगी ऐसी कभी
सोचा न था
मौत का पहरा हर गली
मोहल्ला और घर पर
होगा।
साँस को मोहताज़ होगी
सांसे
देश में मातम पसरा
होगा।
सोचा न था की दर्द
इतना गहरा होगा।
हर इंसान शिकन के
अँधेरे में सिहरा होगा।
Rinki
Kamini Ji, Aapka bahut dhaanywad..
ReplyDeleteवाकई , बहुत बुरा वक्त है ।।
ReplyDeletePlease take care of you and your family
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ReplyDeleteसोचा न था की दर्द इतना गहरा होगा।...बहुत ही बुरा वक्त है काश इस रात की कोई तो सुबह हो!
ReplyDeleteसोचा न था की दर्द इतना गहरा होगा...काश इस रात की कोई तो सुबह हो🙏