Tuesday, December 31, 2024

नए साल की दस्तक

 याद करो, वह साल का समय,

जब भविष्य दिखाई देता है

एक खाली कागज़ की तरह,

एक साफ़ कैलेंडर, एक नया मौका।

गहरी सफेद बर्फ पर,
तुम वादा करते हो नए कदमों का,
फिर देखते हो उन्हें उड़ते हुए
तेज हवा के जोशीले झोंकों के साथ।

तो भर लो गिलास, जश्न मनाओ,
खुशियों की झिलमिल रोशनी फैलाओ।
नए साल में लिखो नई कहानी,
सपनों को दे दो पंखों की जवानी।

Sunday, December 22, 2024

प्रेम -शमशेर बहादुर सिंह

                                                            द्रव्य नहीं कुछ मेरे पास

फिर भी मैं करता हूँ प्यार

रूप नहीं कुछ मेरे पास

फिर भी मैं करता हूँ प्यार

सांसारिक व्यवहार ज्ञान

फिर भी मैं करता हूँ प्यार

शक्ति यौवन पर अभिमान

फिर भी मैं करता हूँ प्यार

कुशल कलाविद् हूँ प्रवीण

फिर भी मैं करता हूँ प्यार

केवल भावुक दीन मलीन

फिर भी मैं करता हूँ प्यार।

मैंने कितने किए उपाय

किंतु मुझसे छूटा प्रेम

सब विधि था जीवन असहाय

किंतु मुझसे छूटा प्रेम

सब कुछ साधा, जप, तप, मौन,

किंतु मुझसे छूटा प्रेम

कितना घूमा देश-विदेश

किंतु मुझसे छूटा प्रेम

तरह-तरह के बदले वेष

किंतु मुझसे छूटा प्रेम।

उसकी बात-बात में छल है

फिर भी है वह अनुपम सुंदर

माया ही उसका संबल है

फिर भी है वह अनुपम सुंदर

वह वियोग का बादल मेरा

फिर भी है वह अनुपम सुंदर

छाया जीवन आकुल मेरा

फिर भी है वह अनुपम सुंदर

केवल कोमल, अस्थिर नभ-सी

फिर भी है वह अनुपम सुंदर

वह अंतिम भय-सी, विस्मय-सी

फिर भी है वह अनुपम सुंदर।

नए साल की दस्तक

 याद करो, वह साल का समय, जब भविष्य दिखाई देता है एक खाली कागज़ की तरह, एक साफ़ कैलेंडर, एक नया मौका। गहरी सफेद बर्फ पर, तुम वादा करते हो नए ...