Everyone does have a book in them. Here is few pages of my life, read it through by my stories,poetry and articles.
Monday, September 16, 2013
Three Bandar of Gandhi ji
गाँधी जी को स्वर्ग में रहते हुए बहुत अरसा हो गया है ये तो हम सब जानते है उनका परलोक सुखमय बीत रहा था एक दिन उन्हें अपने तीनो बंदरो की याद आई उन्होंने चित्रगुप्त से पूछा मेरे तीनो बन्दर कहा है?
चित्रगुप्त ने कहा देखिये आप ऐसे ही सोच में पड़े है मेरे पास समय नहीं है बहुत वर्क लोड है मैं अकेला सदियों से लेखा जोखा कर रहा हूँ आप आराम करे उनकी चिंता ना करे इतना सुनते ही गाँधी जी उठे और अनशन पर बैठ गए.
चित्रगुप्त ने सोचा ये आदमी लगता है मुझे भी यहाँ से निकलवाये गा इसके सवालो के जबाब दे कर वापस भेज देता हूँ
चित्रगुप्त ने गाँधी जी से कहा आप का पहेला बन्दर कानून बन गया है उसे अच्छा- बुरा दिखाई नहीं देता है
दूसरा बन्दर तो सरकार बन गया है किसी की सुनता ही नहीं और आप के तीसरे बन्दर ने तो कमाल कर दिया है वो तो प्रधानमंत्री बन गया है.
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मेहरम
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