तुम्हे क्या बताया
मैंने
की तुम मेरी चाहत हो
ये आज की बात नहीं
तुम ही मेरी हसरत हो
तुम्हे सोचना अलग सा
क्यों है
ये अँधेरे में उजले
जैसे है
दुनिया की सचाई में
सपने जैसा है
हो तुम मेरी जिंदगी
की किताब
का सुनेहरा सा
हिस्सा
हो न खत्म ऐसा
किस्सा
खोई राहों की मंजिल
मेरे प्यार का साहिल
तुम ही तुम हो मेरी
चाहत
अनमोल निशनी की तरह
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