कुम्हार चाक चलता हुए सोचता
कितना बिक पाएगा दीया इस बार
बिजली के बल्ब और मोमबती के बीच
क्या कही टिक पाएगा
मिट्टी का दिया इस बार
मिठाई आती है अब दुकानों से
पहले जैसा कहा मानता अब त्यौहार
सस्ती चीजों से पटा है बाज़ार
पल्स्टिक से बने सामान
बिगाड़ रहे गरीब कलाकारों का त्यौहार
क्या कभी किसी ने सोचा है
अपने ही देश का कुम्हार कैसे मनाएं त्यौहार
जब हम चीन में बने लक्ष्मी, गणेश की मोतियों
को खरीद लाते है हम हर बार
काश हर घर मिट्टी का दिया जलाए
ताकि मेरे बच्चो को भी लगे की
इस बार दीपावली का है त्यौहार
Rinki
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