पीने से
कोई सवाल हल नहीं होता
और ना
पीने से भी मेरा कोई सवाल हल नहीं हुआ
पीते-पीते
मैं पूरी रात पी गया
रात का
खोखलापन,
शराब का
खालीपन सब पी गया
नशा पर
रति भर नहीं चढ़ा
भूली हुई
बात, रिश्ता और साथ
सब एक
साथ पी गया
पर मेरे
कोई सवाल हल नहीं हुआ
इधर शराब
की बोतल खाली हो रही थी
उधर दिमाग
से दुनियादारी खाली हो रही थी
एक हद के
बाद सब बेहद हो गया
मैं और
शराब एक हो गये
रिंकी
रिंकी
bahut badiya
ReplyDeleteबहुत धन्यवाद, महिंदर
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