Monday, October 1, 2018

रास्ते बदल गए

दोस्ती,नाराज़गी और दिल्लगी
ये सारे अहसास बदल गए
जो भी मेरे करीब थे
वो सब दूर चले गए

रिश्ते जो ज़िन्दगी के सफ़र में बने थे
वो अपनी मंजिल पर पहुँच गए
रंजिश और नफरत किससे करें अब
जो दुश्मन थे
आज कही दूर चले जाए

यूँ तो दोस्तों से मिलना बिछड़ना
अकसर लगा रहता है
उनके चले जाने से लगा
आज कोई अपना खो गया

रास्ते बदलते ही
नज़र भी बदल गई उनकी
हम सोच ही रहे थे
वो अपनी राह चले गए





रिंकी




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