दोस्ती,नाराज़गी
और दिल्लगी
ये सारे अहसास बदल गए
जो भी मेरे करीब थे
वो सब दूर चले गए
रंजिश और नफरत किससे करें अब
जो दुश्मन थे
आज कही दूर चले जाए
उनके चले जाने से लगा
आज कोई अपना खो गया
नज़र भी बदल गई उनकी
हम सोच ही रहे थे
वो अपनी राह चले गए
ये सारे अहसास बदल गए
जो भी मेरे करीब थे
वो सब दूर चले गए
रिश्ते जो
ज़िन्दगी के सफ़र में बने थे
वो अपनी मंजिल
पर पहुँच गएरंजिश और नफरत किससे करें अब
जो दुश्मन थे
आज कही दूर चले जाए
यूँ तो दोस्तों
से मिलना बिछड़ना
अकसर लगा
रहता हैउनके चले जाने से लगा
आज कोई अपना खो गया
नज़र भी बदल गई उनकी
हम सोच ही रहे थे
वो अपनी राह चले गए
रिंकी
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