Monday, October 15, 2018

शक्ति और स्त्री

दुर्गा का पर्व

स्त्री शक्ति का पर्व
भक्ति का पर्व

लज्जित होती

औरत हर रोज
तार-तार है


माँ कहते हो
मूर्ति को पूजते हो
पाखंड क्यों?

हत्या बेटी की
गर्भपात कराते
पापा करते

बलात्कार है
अत्याचार है यहाँ
आराधना क्यूँ ?

असफल है
पाखंड तुम्हारा.. हां
सिर्फ शोर है

अधिकार दो
शिक्षा का अवसर
जीने का मौका

शक्ति की पूजा
स्त्री का सम्मान
वरदान है



रिंकी


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