गांव मे बरगद के पेड़ के नीचे क्रांति बहुत ही जोश से ही बोले जा रही
हैI इस फैक्ट्री ने
हमारे खेत खलियान नदी और तालाबों को गंदा कर दिया है I धीरे -धीरे हमारे पानी में यह जहर मिला रहे हैं I हमारी जमीन को बंजर बना रहे हैं I मुझे या हम में
से किसी को भी चीनी मील से शिकायत
नहीं जिस राज्य में जीविका का कोई साधन नहीं है,कम से कम वहां
चीनी मील तो चल रहा
है I लेकिन खतरा बहुत
है इस मील के वजह से पर्यायवरण दूषित हो रहा है
या हम चीनी मील को दोष नहीं देते हैंI चीनी मील चलाने वाले उद्योगपतियों और सरकार के लचर रवैया के वजह से वह गन्दा -पानी रसायन और उत्पाद बनाने के बाद बच गए कचरे का सही निवारक नहीं कर रहे
हैं Iगन्दा पानी हमारे खेतों में या नदियों में बहा दे रहे हैं I
याद कीजिए जब गर्मियों में गन्ने से चीनी बनाया जाता है I वातावरण कैसी
गंदगी फैल जाती है, हवा दूषित हो जाती है और सांस लेना मुश्किल हो
जाता है I
क्रांति बिना रुके बोली जा रही है I सामने बैठे लोग कुछ सहमत है कुछ असहमत है और अधिकतर को परवाह नहीं है, क्योंकि गांव के खेत खलियान और नदी उनके हिस्से में नहीं आते हैं I उनके हिस्से में केबल मजदूरी और भूख है I जो सहमत भी हैं उन्हें भीतर से पता है कि वह
कुछ नहीं कर सकते हैं I
क्रांति गांव की बेटी है युवा है और जोश के साथ अपना काम करती है I क्रांति को निराश नहीं करना चाहते हैं या कहिए की
क्रांति का परिवार गांव में सबसे बड़ा खानदान है, इसलिए भी
ग्रामीण उसके बातों को नहीं काटते I
आपको क्या लगता है ?? हमें क्या करना चाहिए ?
अपने खेतों और पानी को बचाने के लिए I नदी का पानी काला हो गया है I रात में चीनी मील का कचरा और गंदा पानी खेतों
में डाल जाते हैं और हम कुछ नहीं करते हैं बताइए क्या किया जाए ? और तो और पिछले दो साल में से हमें हमारे गन्ने का सही मूल्य प्राप्त नहीं
हुआ है I जब हम पैसे मांगते हैं, वह हमें चीनी की बोरियां पकड़ा देते हैं और कहते हैं बाजार में बेच दीजिए I बताइए? एक तो हमें हमारा पैसा ना मिले और ऊपर से हमारे
ही संसाधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं उन्हें नुकसान पहुंचा रहे हैंI क्या हमें इसके
लिए कुछ करना चाहिए?
वो बेलगाम और अपने धून मे बोली जा रही है I
रमन सिंह चाचा आप ही बताइए? बात तो तेरी ठीक है पर क्या किया जा सकता है ? हम गांव वाले
विचार करेंगे चीनी मील के प्रबंधकों से बहुत बार हमने बात की है, कि वह नदी में पानी ना बहाए पर आज तक कोई फर्क नहीं हुआ है फिर भी बात
सही है I तेरी ....
हमसब जरूर इस पर चर्चा करेगें , अब बात खत्म कर।
सब को भूख लगी है। सबको घर जाने दे और तू भी घर पर जा।
खत्म हो गई तेरी सभा। जब से तू एनजीओ के चक्कर में पड़ी है , तेरा माथा फिर गया है। भूख लगी है।
जल्दी से खाना दे। माँ
आज बहुत सारे लोग थे पर मुझे लगता नहीं कोई कुछ करेगा। और घर में सब कैसा था ?
तेरे भाई का वही हिस्सा -हिस्सा का रट, क्यों नहीं दे देती उसका हिस्सा? उसे हिस्सा नहीं
सब कुछ चाहिए तेरा हिस्सा भी सभी उसी को चाहिए।
यह कैसे हो सकता है मां जब दो लोगों का हिस्सा है मेरा और उसका तो दोनों
में बराबर बैठेगा। भाई ऐसा क्यों सोचता
है? कि सब उसका है।
..
क्योंकि समाज में ऐसे ही होता है। बाबा आप कब आए? अभी -अभी आ रहा
हूं, पर बाबा जायज़ाद मे लड़की -लड़की दोनों का हिस्सा बरारबर है।
कानून में तो बहुत कुछ है, लेकिन समाज में
सब लड़कों का ही हिस्सा माना जाता है। इसलिए
भाई मांग रहा है।
क्रांति का
हिस्सा पढाई और शादी के लिए है। बबुआ को उसका हिस्सा दे दीजिए और जो करना है
करे। सुन रहे है न आप जी।
तड़के सुबह चार बजे क्रांति के घर के पास खेत में कुछ जल रहा है। गांव में कानाफूसी हो रही है कि खेत में लाश
जलाई जा रही है। यह बात आग की तरह फैल गई की
क्रांति की लाश जलाई जा रही है। खेत में लकड़ी और घास फूस पर जो लाश रखी
है वह क्रांति की हैं।
किसी ने जोर से चिल्लाया दो बोरी चीनी के जल्दी ला उससे आग अच्छी से जलती है। आधी जली लाश को ट्रैक्टर में रख नदी में बहा दिया
गया।
पुलिस, यह सब कैसे हुआ
सिंह जी ? क्या कहें पता नहीं क्रांति को क्या हो गया, सुबह देखा तो फासी से लटक रही थी। घर की बदनामी ना हो इसलिए क्रिया-कर्म जल्दी से कर दिया आप तो समझते ही हैं।
बरगद का पेड़ लोग नीचे बैठे
हैं। रात में क्रांति के घर से मारपीट की आवाज आ रही थी उसका भाई उसे मार रहा था।
वही जायदाद वाला कहानी । देखो कहानी कैसे खत्म हुई। अच्छी लड़की थी। ...... वो।
2
नायरा तू इतना नमक क्यों डालती है खाने में ? घर के सभी लोगों का बी पी बढ़ा देगी।
कम नमक डाला कर।
माँ….बिना नमक मजा नहीं आता खाने
में। ठीक है जल्दी से काम कर सारा दिन घर
में बैठी रहती है। कभी कहीं बाहर भी जाया कर।
दरवाजे पर आवाज आई नायरा है क्या?
अरे नाजिया तू कितने दिन के बाद आई है? अगर तू घर से बाहर नहीं निकलेगी तो किसी से
मिलना कैसे होगा। सुन एक बात कहने आई हूं।
अब तू दोबारा स्कूल तो नहीं जाएगी? तुझे तो
छोड़ो कई साल हो गए, फिर एक
काम क्यों नहीं करती है। सिलाई- कढ़ाई या कुछ और सीख ले। सुना
है कुछ लोग हैं जो लड़कियों को गांव में हुनर सीखा रहे हैं। तू भी चल न, देख अगर तू चलेगी तो अब्बा मुझे भी जाने देंगे
नहीं तो तुझे तो उनका पता है। हमेशा घर
में रहो घर में रहो करते रहते हैं। कल तू
अपने घर में बात करके मुझे बताना अब मैं चलती हूं।
रात में खाने में क्या बनाएगी तू ? देख अम्मा शाम हो गई है जो सब्जी है वह बना
लेती हूं। अम्मा एक काम करना नमक खत्म हो
गया है लेकर आ जा।
नायरा ..मेरे पैर में बहुत दर्द है
ऐसा कर तू ही जाकर ले आ बहुत रात नहीं है शाम है।
ठीक अम्मा
एक घंटे से ऊपर हो गए यह लड़की अभी तक आई नहीं पता नहीं क्या हो गया ? दरवाजे पर
आवाज आई और नायरा खड़ी थी । मां ने पूछा क्या हुआ ? किसने क्या ? देखते ही देखते पंचायत बैठा दी गई।
नायरा से पूछा गया की क्या हुआ ?वह गुमसुम
बदहवास बैठी हुई है...... कुछ बोली नहीं
असिन वह और उसकी दोस्त थे बस इतना ही बोल पाई। असिन के परिवार को बुलाया गया और यह फैसला लिया
गया कि नायरा और असिन का निकाह कर दिया
जाए क्योंकि बलात्कार करने वालों में असिन ही मुसलमान है बाकी चार हिंदू हैं, असिन
को निकाह करनी होगी।
निकाह के दस महीने बाद....
खाना इतना फीका बनाती है कि
खाने में स्वाद ही नहीं आता है। कितना भी
बोलो कि नमक डालाकर पर रत्ती भर भी नहीं सुनती।
क्या हुआ असिन क्या सोच रहा है तू ? कुछ नहीं अम्मा शादी नहीं नीभ रही ठीक से।
तुझे ही बहुत गर्मी थी ना। तो
भुगत। अकेले नहीं था और भी लोग थे और यह बच्चा मेरा है कि नहीं मुझे पता नहीं। मुझे
तो नहीं लगता है की मेरा है
।
बस बहुत हो गया। दिमाग
ठंडा करो और खाना खाओ। ठीक अम्मी
आज खाने में बहुत स्वाद है नमक सही डाला आज इसने।
नायरा .. मुझे नहीं लगता तू इस
शादी से खुश हैं और मैं भी खुश नहीं हूं।
मैं तुझे तलाक देता हूं कल तुम अपने घर चली जाना।
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में शुक्रवार 19 जुलाई 2019 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteThanks Ravindra Ji, Google plus band hone ke aap kis plateform par active hai
Deleteपर्यावास से समाज तक के प्रदूषण का सच!!!
ReplyDeleteThanks Vishwa Mohan...Google plus band hone ke aap kis plateform par active hai
ReplyDelete