Wednesday, February 14, 2018

कैद



मैं कैद हूँ तेरे आँखों में
रिहाई नसीब ना हुई
तुम चले गए मेरी जिंदगी से
मुझे जुदाई भी नसीब ना हुई
मैं कैद हूँ, सियाही से लिखे शब्दों की तरह
जो दिल के कागज़ पर लिखे है
ना ही मिटाए जा सकते है
ना तो हटाये

Rinki

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