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बेटी
बेटी
अलग है वो
कुछ अद्भुत सा
न चाँद है
फरिश्ता है
पवित्र और पाक
न सूरज है
रौशनी नई
हसरत नई सी
न प्रेमी मेरा
वो है बेटी
नई उम्मीद है
नए दौर की
सृजन करो
सुरक्षित संस्कृति
सुरक्षा करें
मुन्ना-मुन्नी में
न करो भेद अब
स्वतंत्रता
जरूरत है
समय समाज की
संकल्प करो