Wednesday, June 5, 2019

आज


आज ऐसा सच
मिला नहीं अब तक
आज में रहना, जीना
सिखा नहीं अब तक
अतीत में गुजरे मेरे सारे पल

भविष्य की चाह ने
छिना आज का पल-पल
अतीत की यादों को सहेजना
इस आदत में खोया
आज का सुन्दर लम्हा
पल छीन पल
अतीत ही में गुजरे मेरे सारे पल

अतीत की राख और भविष्य की आस
दोनों बेमतलब से है
अतीत है की गुजरता नही
भविष्य है की आता नहीं
फिर जो समय बचा है केवल
आज का सुन्दर पल
जी ले इसे
अतीत में ही न गुजर जाए सारे पल

रिंकी

6 comments:

  1. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 06.06.19 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3358 में दिया जाएगा

    धन्यवाद

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  2. अतीत की राख और भविष्य की आस
    दोनों बेमतलब से है
    अतीत है कि गुजरता नही
    भविष्य है कि आता नहीं
    सुंदर लिखा है।

    ReplyDelete
  3. सुंदर बोध करातीं पंक्तियाँ

    ReplyDelete

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