Sunday, March 8, 2020

मेरा नाम मेरी पहचान

बेटी शब्द मेरी पहली पहचान
पत्नी,बहु,माँ,भाभी और बहन कई
नामों से ही बांधा
मेरा नाम है मेरी पहचान

दुनिया मुझे रिश्तो के चश्मा से ही
देखा करती है
मेरे नाम  कागज में लिखा शब्द
नहीं रखता कोई अर्थ समाज में
मेरा नाम है मेरी पहचान

मैं भी चाहती हूँ
मुझे भी दुनिया पहचाने
मेरे नाम से मुझे जाने
मेरा नाम बने मेरी पहचान

रिंकी 

No comments:

Post a Comment

Thanks for visiting My Blog. Do Share your view and idea.

असली परछाई

 जो मैं आज हूँ, पहले से कहीं बेहतर हूँ। कठिन और कठोर सा लगता हूँ, पर ये सफर आसान न था। पत्थर सी आँखें मेरी, थमा सा चेहरा, वक़्त की धूल ने इस...