पुलिस स्टेशन, बता कितनी अजन्मी लड़कियों को मारा है तुमने ? कितनी औरतो का एबोर्सन किया है? उस कुएं से हमें ३० से ज्यादा भूर्ण मिले
है। इतनी सारी बच्चियों को मर डाला। क्यों डॉक्टर ऐसा सिर्फ पैसो के लिए किया। मेरा
मकसद तो सिर्फ पैसे कमाने था। जिन्होंने मरवाया ,उनसे पूछो क्यों अपनी ही
बेटी को जन्म से पहले मार डाला ?
सभी भूर्ण लड़कियों के नहीं है,बहुत से लड़के भी थे। लड़के ! ये
क्या कहा रहे हो तुम? कोई अपने
लड़के को क्यूँ मरना चाहेगा ? लड़की है
या लड़का उन्हें क्या पता था।
उन्हें बस एबोर्सन से मतलब था और हमें पैसे से। दोनों के बीच खामोशी छा गई।
नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में गुरूवार 21 नवंबर 2019 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
बहुत धन्यवाद आपके टिपणी के लिए।
Deleteमहत्वपूर्ण विषय को रखा आपने। ये हमारे समाज का एक क्रूर रूप है।
ReplyDeleteबहुत धन्यवाद आपके टिपणी के लिए।
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ReplyDeleteजय मां हाटेशवरी.......
आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
आप की इस रचना का लिंक भी......
24/11/2019 रविवार को......
पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
शामिल किया गया है.....
आप भी इस हलचल में. .....
सादर आमंत्रित है......
अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
http s://www.halchalwith5links.blogspot.com
धन्यवाद
बहुत धन्यवाद आपके टिपणी के लिए।
Deleteओह...कटु सत्य है ये।
ReplyDeleteसराहनीय लघुकथा।
बहुत धन्यवाद आपके टिपणी के लिए।
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