कौन रहा है बांध मुझे
प्यार का अपनापन
या सांसो का बंधन,
कौन रहा है बांध मुझे
है किसका
अनोखा बंधन
प्रेम ने मुझे बांधा है या
जीवन के रस ने घेरा मुझे
किसके हूँ मैं बंधन में
सवाल बन सोच रहा मेरा मन
मैं चाहू उसे या वो चाहे मुझे
या दोनों बाते है सम्मोहन
मैं मीरा या वो मोहन
है किसका बंधन
कौन रहा है बांध मुझे
है प्यार का अपनापन
या सांसो का बंधन,
कौन रहा है बांध मुझे
है किसका अनोखा बंधन
प्रेम ने मुझे बांधा है या
जीवन के रस ने है घेरे मुझे
किसके हूँ मैं बस में
सवाल बन सोचे रे मेरा मन
मैं चाहू उसे या वो चाहे मुझे
या दोनों बाते है सम्मोहन
मैं मीरा या वो मोहन
जो बांध रही इक डोर हमें
जो खीचें तेरी और मुझे
है किसका बंधन
प्यार का अपनापन
या सांसो का बंधन,
कौन रहा है बांध मुझे
है किसका
अनोखा बंधन
प्रेम ने मुझे बांधा है या
जीवन के रस ने घेरा मुझे
किसके हूँ मैं बंधन में
सवाल बन सोच रहा मेरा मन
मैं चाहू उसे या वो चाहे मुझे
या दोनों बाते है सम्मोहन
मैं मीरा या वो मोहन
है किसका बंधन
कौन रहा है बांध मुझे
है प्यार का अपनापन
या सांसो का बंधन,
कौन रहा है बांध मुझे
है किसका अनोखा बंधन
प्रेम ने मुझे बांधा है या
जीवन के रस ने है घेरे मुझे
किसके हूँ मैं बस में
सवाल बन सोचे रे मेरा मन
मैं चाहू उसे या वो चाहे मुझे
या दोनों बाते है सम्मोहन
मैं मीरा या वो मोहन
जो बांध रही इक डोर हमें
जो खीचें तेरी और मुझे
है किसका बंधन
प्रेम के इर्द-गिर्द बुनी ... भावनाओं के ज्वार उठाती सुन्दर अभिव्यक्ति ...
ReplyDeleteबहुत धन्यवाद आपके टिपणी के लिए।
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