हाथ
में हिम्मत की मशाल
चेले
हम अनजान सफर
पुराने रास्तो पर वो चलते है
जिनकी
कोई मंज़िल नहीं होती
वो
जो सपने देखते है
अपने
रास्ते बनाते मिटाते
निकल
जाते है, अनजान सफर
गिरने
से तो सब डरते है
खोने
का भी डर सभी को है
गिरना
और डरना सब सही
वो
जो निकल पड़े है अपने सफर
चेले
हम अनजान सफर
ये
जिंदगी भी एक सफर है
अनजान
रास्ते और लोग
सिखाते
है कुछ मीठा और खट्टा
चखते
रहो स्वाद रास्तो का
मज़बूत
बनता है अनजान सफर
रिंकी
जी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार(०४ -११ -२०१९ ) को "जिंदगी इन दिनों, जीवन के अंदर, जीवन के बाहर"(चर्चा अंक
३५०९ ) पर भी होगी
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का
महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
….
अनीता सैनी