सोनी शादी के बाद पहली बार अपने घर आई है अपने परिवार से मिलने की ख़ुशी छुपाये ना छुप रही है माँ गले लगाकर ससुराल के बारे में पूछती है " दामाद जी कैसे है समधन कैसी है सब ठीक तो है ससुराल में,माँ को सभी सवाल के जबाब जल्दी चाहिए थे शायद इसलिए भी क्यूंकि सोनी की शादी में दोनों पक्ष में किसी बात को लेकर झगडे की नोबत आगई थी
उसने हँसते हुए कहा सब ठीक है,उसकी आंखे अपनी विदाई की याद आते ही नम होगी माँ,बहन,भाई सब की आंखे नम थी उस वक़्त को याद कर वो हमेशा रो पड़ती है,
सब उसके आने से खुश थे पर घर के हालात सोनी से छिपी नहीं थी,पिताजी को पिछले तीन महीने से पेंशन नहीं मिली थी भाई भी अच्छा कमाई नहीं करते बहुत मुश्किल से घर चल रहा था,जब सोनी घर में रहती थी तो घर खर्च में मदद करती थी,पर शादी के लिए उसने नोंकरी छोड़ दी और अब उससे ये अधिकार छीन गया
है क्यूंकि की वो अब किसी की घर की बहू है अपनी घर की नहीं रही.इन्ही सोच में खोई थी की भैया घर आ गए झुककर पैर छुति है तभी भैया ने पूछा कब आयी वो जबाब देने ही वाली थी की भैया बोले जितनी जल्दी हो सके चली जाना
सोनी का दिमाग जैसे शुन होगया उसने फ़ोन उठाया कॉल किया .................आज वो घर से विदा होगई
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